ईसबर के घर देर है अंधेर नही.! आप जैसा करोगे बैसा भरोगे भी ..👇 - मस्त मस्त हिंदी कहानियाँ

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मंगलवार, 10 नवंबर 2020

ईसबर के घर देर है अंधेर नही.! आप जैसा करोगे बैसा भरोगे भी ..👇

| कर भला तो हो भला |

एक प्रसिद्द राजा था जिसका नाम रामधन था | 
अपने नाम की ही तरह प्रजा सेवा ही उसका धर्म था | उनकी प्रजा भी उन्हें राजा राम की तरह ही पुजती थी | राजा रामधन सभी की निष्काम भाव से सहायता करते थे फिर चाहे वो उनके राज्य की प्रजा हो या अन्य किसी राज्य की | उनकी ख्याति सर्वत्र थी | उनके दानी स्वभाव और व्यवहार के गुणगान उसके शत्रु राजा तक करते थे | उन राजाओं में एक राजा था भीम सिंह,जिसे राजा रामधन की इस ख्याति से ईर्षा थी | उस ईर्षा के कारण उसने राजा रामधन को हराने की एक रणनीति बनाई और कुछ समय बाद रामधन के राज्य पर हमला कर दिया | भीम सिंह ने छल से युद्ध जीत लिया और रामधन को जंगल में जाना पड़ा | इतना होने पर भी रामधन की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं थी | हर जगह उन्ही की बाते चलती थी | जिससे भीम सिंह को चैन न था उसने राजा रामधन को मृत्युदंड देने का फैसला किया |उसने ऐलान किया कि जो राजा रामधन को पकड़ कर उसके सामने लायेगा वो उसे सो सोने की दीनार देगा |

दूसरी तरफ, राजा रामधन जंगलों में भटक रहे थे | तब उन्हें एक राहगीर मिला और उसने कहा – भाई ! तुम इसी जगह के लगते हो | क्या मुझे राजा रामधन के राज्य की तरफ का रास्ता बता सकते हो ? राजा रामधन ने पूछा – तुम्हे क्या काम हैं राजा से ? तब राहगीर ने कहा – मेरे बेटे की तबियत ठीक नहीं उसके इलाज में सारा धन चला गया | सुना हैं राजा रामधन सभी की मदद करते हैं सोचा उन्ही के पास जाकर याचना करूँ | यह सुनकर राजा रामधन राहगीर को अपने साथ लेकर भीमसिंह के पास पहुँचे | उन्हें देख दरबार में सभी अचंभित थे |

राजा रामधन ने कहा – हे राजन ! आपने मुझे खोजने वाले को सो दीनार देने का वादा किया था | मेरे इस मित्र ने मुझे आपके सामने पैश किया हैं | अतः इसे वो सो दीनार दे दे | यह सुनकर राजा भीम सिंह को अहसास हुआ कि राजा रामधन सच में कितने महान और दानी हैं | और उसने अपनी गलती का स्वीकार किया | साथ राजा रामधन को उनका राज्य लौटा दिया और सदा उनके दिखाये रास्ते पर चलने का फैसला किया | दोस्तों इसी को कहते हैं “कर भला तो हो भला

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