हर आदमी की जिंदगी में खुसी और सेहत एक दूसरे से जुड़े है खान पान से जुड़ी छोटी छोटी बातों के साथ साथ संगीत और नीड की भी अहमियत को जानना बहुत जरूरी है ।ऐसा करने के लिए हमे अपने दिनचर्या में थोड़ी सी उलट फेर करनी होती है । बस इस थोड़े से उलटफेर करने से आपकी दिन चर्या आसानी से सही हो जाती है । और अछि दिन चर्या के साथ आप बिना दबाई या बहुत कम दबाई के भी छोटी बड़ी बीमारियों से बचे रह सकते है ।और सुअस्थ रहने के लिए आपको
TBF FORMULA अपनाने की जरूरत है ।
T :- thought
B:- bchavior
F :- food
इन तीनो के अंदर हमारा जागरूक रहना जरूरी है । इनमे बेहतर सामंजस्य और संतुलन न कि हमे शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से बहु सुअस्थ रख सकता है । बल्कि हमारे रिस्ते भी बनाये रखता है इस से हम ज्यादा खुस रहते है और घर भर ज्यादा फरफॉर्म करते है । ज्यादा तर लोग इनमे से एक या दो साथ पाते है जिस से उन्हें बो फायदा नही मिलता जितना उनको मिलना चाहिए ।
तो आइए सबसे पहले बात करते है
T :- thought
यानी सकरात्मक सोच के साथ दिन की सुरुआत हो तो दिन अच्छा गुजरता है । हकीकत ये है कि हम जैसा सोचते है बैसा ही बनने लगते है । अगर हम अच्छी सोच से काम करेंगे तो उसका नतीजा अच्छा होगा । सुबह का पहला घण्टा पूरे दिन की दिशा तय करता है ।
* तो आइए अब जानते है की दिन की सुरुआत कैसे करे ?
:- सबसे पहले उठते ही बेड पर आराम से बैठे और एक मिनिट तक गहरी सांस ले उस दौरान अपने माता पिता ईशबर उन को याद कर के उनके प्रति आभार ब्यक्त करे ।
उन्हें मन ही मन धन्यबाद करे ।
अगर हम इन तीन लेबल
माता - पिता
सिक्छक
और ईशबर के प्रति आस्था बिस्बास और सम्मान रखे तो कामयाबी और फुर्ती हासिल होगी ।
नॉर्मरल सी प्रोग्रामिंग का एक फंडा है
Garbage in Garbage Out
यानी कचरा अंदर डालोगे तो कचरा ही बहार निकलेगा । कमाबेस यही सिंद्धांत इंसान के दिमाक पर भी लागू होता है ।
बुद्धिमान लोग ऐसा कचरा आने से रोकने के लिए दिमाक पर एक सशक्त स्कैनर लगा कर रखते है । इस से कचरा बहार ही रुक्जाता है
आइये अब जानते है के पॉजिटिव कैसे रहे :-
इस पर बिचार करना जरूरी है के ऐसे कौन कौन से बिचार है जो हमारे मन को परेसान करते है ।
उनसे बचाब के लिए जरूरी है के दिन भर अच्छे काम मे ब्यश्त रहे । बीचे में अगर कोई नेगटिव बिचार आये तो उसे जल्द से जल्द पोजेटिव करे । ऐसा ना सोचे के ऐसा नही हो पायेगा । नियमत करने से सब आसान हो जाता है और रात में सोने से पहले थोड़ा सकारात्मक सोच में बक्त बिताए । कोई मोटिबेसनल किताब पड़ना भी अच्छा है । चाहे किताबी ज्ञान की बाते हो या प्रक्टिकल की !
अच्छे श्रोतो की शंकया बदलने से जिंदगी में सब कुछ बेहतर होता जाएगा ।
आइये अब बात करते है
B :- behaviour
हमे बचपन से ये सिखाया जाता है
न कि सिर्फ बड़ो से बल्कि बच्चो से अपनी मानविय सम्बेदना से रहना चाहिए । अपनी बात और बर्ताब से किसी से भी आहत करने की कोसिस ना करे ।
खास कर बॉस परबर्ती बाले लोगो को यह नही बोलना चाहिए के सत्ता या पैड आज है क्या पता ।
काल रहे ना रहे । लोगो के साथ आपके दुआरा की जाने बाली बदसुलूकी की बदबू हमेसा आपके आस पास बानी रहेगी । यह उन्हें जिंदगी भर कमजोर करने के साथ साथ परेसान भी करती रहेगी । किसी के साथ गलत या अमर्दित ब्यभार करने से हम खुद सबसे पहले नेगटिव एनर्जी से भर जाते है । किसी को नीचा दिखाना ये आपके बड़े होने की पहचान नही है बल्कि ये आपकी ब्यक्तितब में बड़ी कमी को दिखाता है । खुद को सामने बाले की जगह पर देखेंगे तो आप इस से परहेज करेंगे । हर आदमी को सुआभिमान प्यारा होता है । इंसान अपनी गरिमा और मर्यादा को कायम रखना चाहता है तो हमे इस का सम्मान करना चाहिए । जैसा ब्यभार आप दुसरो से चाहते है हमे भी उनके साथ बैसा ही ब्यभार करना चाहिए । नियमित रूप से खुद को तलाशे और तराशे भी ।
और आइये अब बात करते है तीसरी चीज़ जिस का नाम है
F:- food
फ़ूड बहुत जरूरी होता है
और याद रहे कुछ भी हमारे पेट के अंदर जाएगा उस का नुकसान हमे ही उठाना पड़ेगा ।
उसका अबसेस भी हमारे ही सरीर से निकलेगा । अगर हम पौष्टिक आहार लेते हैं
जैसे :- * protin
* Carbohydrates
* Fat
* Vitamin
* Mineral
इत्यादि पर्याप्त मात्र में मिलने चाहिए
जो की हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी है कहा जाता है कि इंसान को जीने के लिए खाना चाहिए ना कि कि खाने के लिए जीना चाहिए
एक सामान्य इंसान को सुबह का नाश्ता पोस्टिक और सामान्य मात्रा मे लेना चाहिए।
दोपहर का खाना थोड़ा हल्का और सामान्य रूप में लेना चाहिए ।
रात का खाना तो बिल्कुल ही सादा और और हल्का होना चाहिए ।
* आइये अब जानते है डाइट के कुछ खास टिप्स के बारे में :-
सुबह के नाश्ते में सबसे पहले
*एक चम्मच शहद ले
*फिर कुछ अंकुरित चना
*मूंग इत्यादि आप खाये ।
*और साथ में थोड़ा सा गुड और ड्राई फ्रूट्स भी ले इन सब को मिश्रण कर ले मिश्रण कर ले फिर इन्हे खूब चबा कर कर खाएं
* नास्ते में नर्म और बरेली लड्डू
* चूड़ा दही
* रोटी दाल / हरि सब्ज़ी
* सलाद
* टोस्ट ऑमलेट इत्यादि का सेबन करे ।
सबसे बड़ी बात यह है कि जब भी खाने बैठे चिंता मुक्त हो जाए ।
जो भी खाएं आराम से और खूब चबाकर खाएं और स्वाद लेकर खाएं ।
खाते वक्त टीवी ना देखें मोबाइल पर बात ना करें और ना ही कुछ पड़े ।
दोपहर के खाने में रोटी और चावल के साथ दाल मौसमी और हरी सब्जी दही और सलाद का सेवन करें
रात के खाने को सादा और हल्का रखें
खाना जल्दी यानी रात के 8:00 बजे तक खा ले
सोने से पहले एक कप या एक गिलास गुनगुने दूध का सेवन अवश्य करें ।
खाने में फल और सब्जियां बेहद जरूरी है ।
बे मौसम फल और हरी सब्जी होने की वजह से हार्ट लीवर और किडनी समस्या होने का अंदेसा बना रहता है ।
जिस इलाके में में रहते हो , हो सके तो वहीं पर उगने वाले फल और सब्जियां खाएं ।
बहाँ सब कुछ ताजा मिलेंगे और सस्ते भी मौसमी और सस्ते भी लेंगे और सस्ते भी ।
हमेसा मौसमी फल सब्जियां ही हमेशा खाना चाहिए
कोल्ड स्टोरेज में रखी हुई चीजें खाने से पौष्टिकता कम मिलती है
सुबह नींद के जगने के अधिकतम 2 घंटे के अंदर नाश्ता कर लेना अच्छा है
*नींबू
*अदरक
*लहसुन
* दालचीनी
* काली मिर्च
* लौंग
*जीरा
*अजवाइन गरम मसाले में इस्तेमाल करे ।
* खीरा
*टमाटर
*मूली
*गाजर
*हरी पत्तेदार
मौसमी सब्जीयॉ ही इस्तेमाल करे ।
*केला
*पपीता
*नारियल
*मौसमी फल,
इन चीजों को किसी न किसी रूप में हर दिन खाने की कोशिश करें भले ही मात्रा कम क्यों ना हो ।
और आइए अब बात करते है अन्य अनाजो के बारे में
अनाजों :- की श्रंखला में सबसे पहले में सबसे पहला नाम है गेंहू का ।
नए गेहूं से बेहतर होता है पुराने गेहूं का आटा ।
आटे में आये दलिया जैसे कनो को हम निकाल देते है । लेकिन यह हमारी सेहत के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं है
आटे के पीसने साथ कई सारे पोषक तत्व निकल जाते हैं जो कि अच्छा नही है ।
खली गेहूं की रोटी बनाने से बेहतर है कि मिक्स ग्रीन की रोटी खाएं ।
मिक्स ग्रीन की रोटी खाने से सारे पोस्ट तक मिल जाते हैं मिक्स ग्रीन की रोटी बनाने के लिए 5 किलो गेहूं के साथ
*ज्वार
*बाजरा
*मक्का आदि सभी चीज मिलाकर उनकी रोटियां बनवा कर खाएं !
:-- और आइए अब जानते दूसरे अनाज के बारे में जो कि चावल है ।
सेहत के दौरान सफेद पोलिस बाला चाबल सही नहीं है क्योंकि धुलाई के दौरान इसके सारे पोषक तत्व निकल जाते हैं फाइबर भी निकल जाता है ।
सेहत के लिए
*ब्राउन राइस
*उसना यह सुद्ध चावल है जो कि के बिना पॉलिश किया हुआ चावल है । बिना पालिश किया हुआ चाबल लाभदायक होता है ।
इसमें प्राकृतिक रूप से फाइबर के साथ-साथ विटामिन बी और मिनरल्स भी मिल जाते हैं
इसमें
*megnisium
*Phosphorus
*Colkrurn
*Iron
इत्यादि प्रचूर की मात्रा में भरे होते है ।
और आइये अब बात करते है तीसरे अनाज यानी दाल के बारे में ।
दाल:- प्रोटीन का बहुत अच्छा और बहुत सस्ता स्रोत है
पालिश की हुई दाले देखने मे तो अच्छी लगती है लेकिन इन्हें खरीदने से बचना चाहिए ।
साबुत दाल यानी छिलका युक्त दाल सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होती है ।
हर दिन खाने में इसे इस्तमाल करे ।
दालों में मौजूद पोषकतत्व को हमारा सरीर अच्छे ग्रहण कर लेता है ।
इस लिए इस का रोजाना सेबन आपको करना चाहिए । और ध्यान रहे रात में दालों का सेबन ना करे तो आपके लिए अच्छा होगा ।
और अनकुरित दाल अधिक अच्छी और पोस्टिक होती है
और आइये अब जानते है चौथी चीज़ यानी तेल के बारे में
तेल:- पेड़ पौधों से हासिल तेल सरीर के लिए अधिक पॉसिक और अच्छे होते है ।
यही कारण है के भारत मे सरसो नारियल मूंगफली का तेल अधिक उपयोग किया जाता है
जैतून और सूरजमुखी का तेल भी अच्छा है
रिफाइंड तेल के सेबन से आपको बचना चाहिए ।
घर के उपयोग के मामले में इस बात का ध्यान रखे के दो बार तलने में इस्तेमाल किये गए तेल का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करे ।
इस से कुछ तेल की बर्बादी तो रुक जाएगी लेकिन आप हिरदय रोग और असीरिटी जैसे बीमारियों में घिर जायेगे ।
आइये अब बात करते है पांचीबी चीज यानी फल और सब्जियों के बारे में
मौसमी सब्जी फल और साग
जैसे *पालक
*चनाल
*मैथी और सरसों
यानी बे फल जो मौसमी तौर पर चल रहे हो उनका इस्तेमाल करे !
जो कि बाजार में बहुत आयात में उपलाभद होते है । ये सरीर के लिए सब से लाभ कारी होता है ।
बे मौसम की फल हो या सब्जियां उनसे हमारे सरीर को पूरा पोषण नही मिल पाता । और ये ह्रदय पर भी भारी पड़ते है ।
आप जहाँ रहते है बहाँ के ही फल और सब्जियों का ही इस्तेमाल करना चाहिए ।
और आइये अब जानते है छटवी चीज़
ड्राय फ्रूट्स के बारे में :-
ड्राइफ्रूट्स बेहतर पोषण देते है
जैसे बादाम अखरोट अंजीर किसमिस मूंगफली पिस्ता खजूर इत्यादि को भी नित्य रूप से खाये ! और मात्रा इस तरह से ले के
30ग्राम से ज्यादा ना हो
दिन में आप 7 -8 बादाम
7-8 अखरोट
2-3 अंजीर
10 किसमिस
या 5 मुनक्के
और दूसरे ड्राइफ्रूट्स
2 - 4 खजूर जैसे इत्यादि ले सकते है
मिक्स ड्राइफ्रूट्स नास्ते के रूप में भी ले और इन्हें खाने के 2 घण्टे तक कुछ भी ना खाएं ।
और आइये अब बात करते है पानी की :-
पानी कब और कितना पिये
हमारे सरीर में। करीब 60% पानी होता है ।
सरीर में पानी की मात्रा कम हो जाये तो कई तरह की सुआस्थ संबधी बीमारियां होने लगती है ।
लिहाजा हमे पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए । बल्कि पर्याप्त मारा में ही नही बल्कि सही तरीके से भी पीना चाहिए । ज्यादातर लोग पानी पीते नही बल्कि गटकते है जैसे कि उन्हें पानी पीने ताक की फुरसत नही है ।
सही तरीका यह है कि पानी को देख कर पीए
बैठ कर पिये और तीन शास में पिये ।
बोतल के मुह से पानी उड़ेलना और फटा फट गटकना सही नही है ।
हमे रोजाना 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए ।
रोज सुबह नीद खुलने के बाद 1 गिलास गुनगुना पानी अबश्य पीना चाहिए ,
ज्यादा फायदे के लिये गुनगुने पानी मे आधा नींबू निचोड़ लें ।
खाने के बीच मे और खाने फौरन बाद पानी नही पीना चाहिए क्यो की इस से पाचन प्रक्रिया कमजोर होती है
पाचन क्रिया को मजबूत बनाने के लिए खाना खाने से आधा घण्टे पहले या खाना खाने के 45 मिनिट बाद खाना कहने की सलाह दी जाती है
सेहत के हिसाब से गिलास में मुह लगाकर आराम से चाय या काफी की तरह पानी को सिप करते पीना चाहिए और यह भी होना चाहिए के इस से हमारा सरीर हाइड्रेड रहता है । जितना हम पानी पियेंगे हम उतना ही सुआस्थ रहेंगे । खास कर रात में सोने से पहले थोड़ा पानी जरूर पीना चाहिए ।
इस से हार्ट प्रॉब्लब और BP की समस्या कम होती है
सच तो यह है कि पानी के माध्यम से ही हमारे सरीर से हानिकारक पदार्थ बहार निकलते है । ऐसे में कम पानी पीना हमारे लिए हानिकारक होता है
आप खुद भी महसूस कर सकते है के मानसिक तनाब हो तो आप पानी पियोगे तो आपको आराम होगा ।
दुसरो को पानी पिलाने के मुहाबरे को सही साबित करने के बजाय खुद पानी पीने की कला में प्रगट होना हर दृश्य से बेहतर हेल्थ की गारंटी देता है ।
बुधवार, 28 अक्तूबर 2020
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सेहत मंद और ख़ुश रहने के अनमोल उपाय जो आपने सुने नहीं
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