Blackमेल : Crime Story In Hindi Best Hindi Stories
यह प्रोफाइल किसी सुदीप पाण्डेय नामक लड़के का था . जिसका उम्र 23 वर्ष और वह मुंबई से था .फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने के कुछ मिनट बाद साक्षी के इनबॉक्स में “ hello” लिख एक सन्देश आ टपका . यह मैसेज सुदीप पाण्डेय का था .
साक्षी ने hello के बदले hiii लिख कर रिप्लाई कर दी . इसके बाद दोनों तरफ से मैसेज के बाढ़ आ गये . साक्षी एक छोटे से कस्वे से निकल कर इसे बड़े शहर मे आई थी . उसे शहर के माहौल के बारे में कुछ ज्यादा जानकरी नही थी और साथ ही उसे अपनी काल्पनिक दुनियां social site ( facebook , Twitter, Instgram , ... ) के बुरे पह्लूं से बेखबर थी .
एक सप्ताह के लगातार चैट के बाद साक्षी ने सुदीप पाण्डेय को अपनी निजी मोबाइल नंबर भी दे डाली और अब facebook चैट के अलावे मोबाइल फ़ोन से घंटो बात होने लगी .
सलोनी और साक्षी दोनों एक ही कमरा में रहते थे जिसके कारण साक्षी –सुदीप के बात-चीत के जानकारी सलोनी को थी परन्तु वह उसे मना ना कर वह उससे बात करने में इंटरेस्ट थी . इस तरह एक काल्पनिक दुनिया से इन दोनों बहनों के लिए कोई अपना बनकर कर आ पड़ा था . कई दिनों के बात-चीत के बाद एक दिन सुदीप ने साक्षी को प्रपोज किया . साक्षी उसे पसंद करने लगी थी जिसके वजह से सुदीप का प्रपोजल कबूल कर ली.
साक्षी अभी तक शहर को पूरी तरह समझ नही पाई थी . उसे यह मालूम नही थी की यहाँ सब अपने लिए जीता हैं , यहाँ कोई किसी का अपना नही होता हैं , यहाँ हजारो लोग प्रत्येक दिन आते हैं और हजारों नये रिश्ते बनते हैं परन्तु यह सभी रिश्ते तिनके जैसे बिखर कर रह जाते हैं .
एक दिन सुदीप ने साक्षी को मिलने के लिए बोला , “ क्या हम मिल सकते हैं ? ”
साक्षी को अभी तक उससे बात शुरू हुआ लगभग 40 दिन हो रहे थे . इतने ही दिनों में दोनोंक़ को एक – दुसरे से प्यार हो गयी थी , साक्षी ने चैट के दौरान मोबाइल नम्बर के अलावे कई सारे फोटोग्राफ भी दे चुकी थी .
आज जब सुदीप उसे मिलने के लिए बोला तो वह उसे मना नही कर पायी और दोनों ने मिलने के लिए जगह और एक निश्चित तारीख तय किया .
चुकी सुदीप मुंबई से था और साक्षी हैदरावाद में रहती थी इस लिए दोनों के बीच काफी दूरियां थी मगर साक्षी फिर भी मुम्बई जाने के लिए तैयार हो गयी . वैसे कहते हैं ना , “ प्यार में लोग क्या नही करते ? ”
कुछ दिन बाद सलोनी और साक्षी हैदराबाद के रेलवे स्टेशन पर खड़े थे , साक्षी मुंबई जाने के लिए रेलवे स्टेशन आई हुई थी जबकि उसे छोड़ने उसकी बहन सलोनी भी रेलवे स्टेशन आई हुई थी.
“ मैं भी तुम्हारे साथ चलूँ ? ” सलोनी बोली .
“ अगली बार हम –दोनों साथ चलेंगे ”
“ ठीक हैं ..”
बात –चीत के दौरान मुंबई के लिए गाडी आ चुकी थी . साक्षी ने अपनी बहन से विदा लेकर रेलगाड़ी के अंदर चली गयी .
इस वक्त साक्षी के मन में सुदीप के लिए कई विचार थे , उसकी फोटो को zoom कर निहारती जा रही थी . बीच –बीच में वह सुदीप से बात भी करती रहती थी .
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